इस दिवाली अपने पेट्स का कैसे रखें ख्याल? इन बातों का दें ध्यान
दिवाली का समय घरों में उजाला, पूजा और मिलन का होता है, पर यह आपके पालतू जानवरों के लिए अक्सर तनावपूर्ण भी हो सकता है। पटाखों की आवाज़, तेज रोशनी, भीड़-भाड़ और घर में बदली हुई दिनचर्या—ये सब कुत्ते, बिल्ली, पक्षी, खरगोश और अन्य पालतू जीवों को डराने, अस्वस्थ करने या घायल कर देने का कारण बन सकते हैं। अनेक पारंपरिक घरानों में दीपज्योति और लक्ष्मी‑पूजा को अज्ञान पर प्रकाश की जीत के रूप में माना जाता है; परंतु इस धार्मिक संदर्भ में भी सुरक्षा और करुणा का ध्यान रखना आवश्यक है। यह लेख व्यवहारिक और संस्कृतिक दोनों ही दृष्टियों से सुझाव देता है—कौन‑से कदम पहले लें, पूजा और सजावट के दौरान क्या विशेष ध्यान रखें, आहार और दवाइयों के बारे में क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए, और आपात स्थिति में क्या करना चाहिए—ताकि आप अपना उत्सव शांत, सुरक्षित और सहानुभूतिपूर्ण तरीके से मना सकें।
पहले से तैयारी करें
- पहचान और दस्तावेज: फेस्टिवल से कुछ दिन पहले पालतू का कॉलर, आईडी टैग और माइक्रोचिप अपडेट कर लें। अचानक भागने की स्थिति में यह लौटाने में मदद करेगा।
- वेट से सलाह: अगर आपका जानवर चिंता या शोर के प्रति संवेदनशील है, तो अपने पशु चिकित्सक से पहले ही परामर्श लें—वेट चिकित्सक अवधि, कैलेमिंग मेडिकेशन या व्यवहारिक रणनीतियाँ सुझा सकते हैं।
- ऑरिजनल रूटीन बनाए रखें: खाने, टहलाने और दवा देने का समय जितना हो सके सामान्य रखें; बदलाव चिंता बढ़ा सकता है।
दीयों और सजावट की सुरक्षा
- दीये, मोमबत्तियाँ और गेरुगेढ़े हमेशा ऊँची, स्थिर सतह पर रखें और ऐसे स्थान पर रखें जहाँ पालतू पहुंच न सकें। परंपरागत रूप से ग्रीस/घी से जलाए जाने वाले दीये auspicious माने जाते हैं—परन्तु गिरकर आग लगने का खतरा रहता है।
- अगर आप घर में कई दीये जलाते हैं तो वे कामरेड‑बेस्ड (कम जोखिम वाले) क्षेत्र में लगाएँ और बच्चों तथा पालतुओं से दूर रखें।
- इलेक्ट्रिक तारे/लाइट्स के तारों को छिपा कर रखें; कुत्ते या बिल्ली के चबाने से करंट लग सकता है।
- रंगोली और फूलों में इस्तेमाल होने वाले रंगों/कसौटियों (dyes) को जाँचें—कुछ रसायन पालतू के लिये विषैले हो सकते हैं। प्राकृतिक रंग या खाने योग्य रंग चुनें।
पटाखे, शोर और किस तरह से बचाएँ
- दिवाली सामान्यतः कार्तिक अमावस्या की रात को मनाई जाती है; पटाखे अक्सर संध्या के बाद फोड़े जाते हैं—इसलिए विजुअल और साउंड‑उत्पादन से पहले पालतू को अंदर ले आएँ।
- यदि संभव हो तो पटाखों से पहले और दौरान अपने पालतू को किसी शांत, कम रोशनी वाले कमरे में रखें; दरवाज़े‑खिड़कियों को बंद रखें ताकि धुआँ और शोर अंदर कम आए।
- कुत्तों को शाम की वॉक दिवाली से पहले पूरी कर लें; वहीं भीड़ के समय बाहर ले जाने से बचें।
- तथाकथित “सूडो‑कैल्मिंग” उपाय: परिवार का शांत व्यवहार, मृदु संगीत, कम आवाज और पालतू के पसंदीदा खिलौने तनाव कम कर सकते हैं।
- यदि आपका क्षेत्र बहुत शोर वाला है तो पशु चिकित्सक से काउंसिल कर के फेरोमोन डिफ्यूज़र या चिकित्सीय सप्लीमेंट पर विचार किया जा सकता है; नुस्खे वाली दवाएँ केवल वेट सलाह से दें।
आहार, प्रसाद और तेल/धूप के प्रयोग सम्बन्धी सावधानियाँ
- मानव मिठाइयाँ पालतू के लिये खतरनाक हो सकती हैं—खासकर चॉकलेट, किशमिश/अंगूर, कच्चे मेवे, प्याज़ और लहसुन वाले भोजन। चॉकलेट में दिये जाने वाले थेओ브्रोमाइन कुत्तों के लिये विषैला है; किशमिश अंगूर कुत्तों में किडनी फेलियर कर सकती है।
- पूजा‑व्यंजन (प्रसाद) को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ पालतू पहुँच न सके। तुलसी या अन्य पवित्र पौधे आमतौर पर हानिरहित होते हैं, पर कुछ पालतू पौधे चबाना शुरू कर देते हैं—जाँच लें कि कोई विषैला पौधा तो नहीं।
- धूप, अगरबत्ती और कपूर के धुएँ से छोटे पालतू (विशेषकर पक्षी) प्रभावित होते हैं—इन पदार्थों को खुला जलाना बंद रखें या अच्छी वेंटिलेशन वाले बाहरी क्षेत्र में रखें। परंपरा में कपूर का प्रयोग होता है; परन्तु तीव्र धुआँ साँस संबंधी असुविधा बढ़ा सकता है।
बाहरी/सड़क पर रहने वाले जानवरों के लिये विचार
- अन्याय: पटाखों के शोर से बाज़, आवारा कुत्ते-बिल्ली और अन्य जंगली छोटे जानवर परेशान होते हैं। दो‑तीन दिन पहले और बाद में पानी और भोजन की व्यवस्था कुछ सुरक्षित स्थानों पर रखें जहाँ पटाखों का शोर कम पहुँचता हो।
- समुदाय स्तर पर: अगर आप स्थानीय मंदिर या मोहल्ले में दीया/पटाखे जलाने का आयोजन कर रहे हैं, तो पड़ोसियों और पशुपालकों को सूचित करें और शांत समय पर सीमित पटाखे फोड़े जाने की सलाह रखें।
रात के बाद और आपातकालीन संकेत
- दिवाली के बाद अपने पालतू की पैरों, नाखून और कानों में जलती राख/छालियों के निशान जाँचें। गर्म राख या ताबड़तोड़ पटाखों से जलना संभव है—किसी भी जलन पर ठंडे पानी से शीतल करें और वेट से संपर्क करें।
- यदि पालतू सांस लेने में दिक्कत, उल्टी, कब्ज या अचानक सुस्ती दिखाये तो तुरंत पशु चिकित्सक को दिखाएँ—यह खाद्य विषाक्तता या धुआँ/वाष्प से जुड़ी समस्या हो सकती है।
- आपातकालीन किट में कार्यशील कॉलर/लैश, ताज़ा पानी, सूखा खाना, बैंडेज, वेट का नंबर और वाहन संपर्क रखें।
छोटा चेकलिस्ट (तुरंत अपनाएं)
- पालतू को शाम के समय अंदर रखें—विशेषकर पटाखों वाली रात से पहले।
- पूजा सामग्री और प्रसाद ऊँचे स्थान पर रखें।
- चॉकलेट, किशमिश, प्याज़ आदि स्पर्श से दूर रखें।
- वेट का नंबर और निकटतम आपातकालीन क्लिनिक पहले से सेव रखें।
- अपनी छत/बगीचे में जलते दीयों के पास पानी का बर्तन रखें—पलटने या आग लगने पर तुरंत इस्तेमाल हो सके।
दिवाली का धार्मिक अर्थ—अंधकार पर प्रकाश की जीत और लक्ष्मी का स्वागत—हमेशा करुणा और सुरक्षा के साथ जुड़ा होना चाहिए। पारंपरिक रिवाजों को निभाते हुए यदि हम अपने छोटे सहवासियों का ध्यान रखें तो त्योहार सभी के लिये शांत और सामंजस्यपूर्ण बन सकता है। किसी भी संदेह में अपने पशु चिकित्सक से परामर्श लें और पूजा‑स्थल तथा मोहल्ला समुदाय के साथ संवाद कर के सबके लिये सुरक्षित विकल्प अपनाएँ।