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इस दिवाली घर पर बनाएं बाजार जैसी सोन पापड़ी, ये है आसान रेसिपी

इस दिवाली घर पर बनाएं बाजार जैसी सोन पापड़ी, ये है आसान रेसिपी

दिवाली पर बाजार जैसी खस्ता और रेशेदार सोन पापड़ी घर पर बनाना डराने वाला नहीं है—बस कुछ बार ध्यान देकर और सही तापमान-नियंत्रण से आप भी पर्फेक्ट टेक्सचर पा सकते हैं। परंपरागत रूप से सोन पापड़ी का स्वाद घी, थोड़ी-सी इलायची और सूखे मेवों की खुशबू से जुड़ा है; अलग‑अलग क्षेत्रों में इसे सोहन पापड़ी, सोनपापड़ी या सौन पापड़ी कहा जाता है और पारंपरिक मिठाइयों को देवी लक्ष्मी को भोग या परोसे जाने की प्रथा भी अक्सर देखी जाती है। इस रेसिपी में मैं सरल, मापा हुआ और व्यवहारिक तरीका दे रहा/रही हूँ—साथ में व्यावहारिक संकेत (जैसे शुगर सिरप का तापमान या ठंडे पानी में ‘बॉल टेस्ट’) और कुछ वैरिएंट सुझाव भी शामिल हैं। धार्मिक दृष्टि से मिठाई बनाना और बांटना श्रद्धा व आतिथ्य का रूप है; विभिन्न स्‍कूलों में भोग‑प्रथा अलग हो सकती है, इसलिए स्थानीय परम्परा के अनुसार भोग करने का सुझाव दिया जा रहा है।

सर्विंग: लगभग 20‑25 छोटे टुकड़े (आकार पर निर्भर)

समय: तैयारी 20 मिनट + पकाना 30–40 मिनट + ठंडा होने का समय 1–2 घंटे

सामग्री

  • मैदा (all‑purpose flour) — 200 ग्राम
  • बेसन — 50 ग्राम (ऐच्छिक, स्वाद और रंग के लिए)
  • घी — 120 ग्राम (रिफाइंड व शुद्ध मिश्रण बेहतर टेक्सचर देता है)
  • चीनी — 350 ग्राम
  • पानी — 120 मिलीलीटर
  • ताज़ा दूध — 60 मिलीलीटर (या 2 टेबलस्पून; गहरे रंग को रोकेगा और टेक्सचर में मदद करेगा)
  • इलायची पाउडर — 1/2 चम्मच
  • केसर — एक चुटकी (50 मिली पानी में भीगा कर रंग के लिए, वैकल्पिक)
  • कुटे हुए पिस्ता/बादाम — 30 ग्राम (सजावट के लिए)
  • चंद बूँदें नारियल का तेल या बटर (ट्रे चिकना करने के लिए)
  • कैंडीर/बेकिंग टरमामी जैसे रासायनिक एजेंट की आवश्यकता नहीं
  • कैंडि/कैंडी थर्मामीटर — अनुशंसित, और/या ठंडे पानी में ‘बॉल टेस्ट’ का उपयोग करें

तैयारी का तरीका — चरण-दर-चरण

  • ट्रे तैयार करें: 20×20 सेमी का बैकिंग ट्रे लें, हल्का ग्रीस करें और पार्चमेंट पेपर बिछा लें ताकि बन जाने पर पापड़ी आसानी से निकले।
  • आटे को भूनना: एक मोटे तले वाली कड़ाही में मध्यम‑आंच पर घी रखें। घी गर्म होने पर मैदा और बेसन डालें। धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए 15–20 मिनट भूनें जब तक मिश्रण खुशबूदार सुनहरा न हो जाए और कच्ची खुशबू चली जाए। ध्यान रखें कि रंग बहुत गहरा न हो—नम्र सुनहरे रंग का लक्ष्य है। भुने हुए मिश्रण को अलग बर्तन में ठंडा होने के लिए रखें।
  • चीनी सिरप बनाना: एक पैन में चीनी और पानी डालकर धीमी-सी आंच पर घोलें। जब चीनी पूरी तरह घुल जाए, तेज आंच पर लाकर सिरप को 120–125°C तक पकाएँ (कैंडी थर्मामीटर उपयोग करते समय)। थर्मामीटर न हो तो ठंडे पानी में कुछ बूँदें गिराकर चेक करें—सिरप से बनी बॉल जमीनी रूप से कठोर पर स्थिर हो जिससे हाथ में दबाने पर यह सख्त गेंद बना लेती है (हार्ड‑बॉल स्टेज)। यह तापमान सीमा सोन पापड़ी की खस्ता परत के लिए मायने रखती है।
  • दूध/केसर डालना: सिरप को 2‑3 मिनट और उबालें, फिर आंच बंद कर के धीरे‑धीरे दूध और केसर मिलाएं (ध्यान करें कि सिरप उबल सकता है)।
  • भुना हुआ आटा मिलाना: ठंडा या गुनगुना भुना हुआ आटा धीरे‑धीरे सिरप में मिलाएँ और तेज चम्मच से मिलाते हुए एक चिकना, थोड़ी चिपचिपी मिश्र बनाएं। अगर मिश्र बहुत पतला लगे तो थोड़ी और भुने आटे का उपयोग करें; बहुत सख्त न बनाएं।
  • पुलिंग/फाइबर बनाना: यह कदम पारंपरिक है और धैर्य माँगता है — मिश्र को दोनों तरफ से तेल लगी चम्मच/स्पैचुला से फैलाते और मोड़ते रहें ताकि सूक्ष्म धागे जैसा ढाँचा बने। छोटे घरेलू सेटअप में इस चरण को आसानी से करने के लिए मिश्र को ट्रे में डालकर पतला फैला दें, फिर दो चम्मच की सहायता से लगातार खींच‑खींच कर और मोड़कर फाइबर बनाने की कोशिश करें। अगर आपके पास बड़े घरेलू हुक या धागा बनाने की मशीन नहीं है तो धीरे‑धीरे और बार‑बार मोड़ने से अच्छा परिणाम आता है।
  • सजावट और सेट करना: सतह पर कुटे पिस्ता/बादाम बुरक कर हल्का प्रैस करें। ट्रे को कमरे के तापमान पर 1‑2 घंटे के लिए रखें या ठंडे, सूखे स्थान पर ताकि मिश्र अच्छी तरह सेट हो जाए।
  • काटना और परोसना: सेट होने के बाद पार्चमेंट पेपर निकालकर मनचाहे आकार में काटें। कटने के बाद भी हल्की‑सी कोमलता रहती है; कटने के बाद कुछ घंटे में यह और भी खस्ता हो जाती है।

महत्वपूर्ण संकेत और गुणवत्ता नियंत्रण

  • शुगर सिरप का तापमान निर्णायक है: 120–125°C (हार्ड‑बॉल) से नीचे होने पर पापड़ी नरम और चबाने योग्य बनेगी; बहुत ऊपर जाने पर स्वाद भूखा और कठोर हो सकता है।
  • आटे को धीमी आंच पर समान रूप से भूनें—कच्चा पेसा हुआ स्वाद खत्म कर देगा।
  • घी की मात्रा और गुणवत्ता टेक्सचर व खुशबू में बहुत फर्क डालती है—अगर संभव हो तो शुद्ध शाकाहारी घी उपयोग करें।
  • नमी से बचाएँ: उच्च आर्द्रता में पापड़ी जल्दी नरम हो जाती है; इसलिए एयर‑टाइट डिब्बे में रखें और थोड़े अनमी स्थान पर स्टोर करें।

स्टोरेज और वैरिएंट

  • एयर‑टाइट कंटेनर में कमरे के तापमान पर सामान्यतः 10–14 दिन तक ठीक रहती है; बहुत नमी हो तो 7 दिन से ज्यादा नहीं।
  • वैरिएंट: केसर‑पिस्ता, रोज़ वाटर के हल्की बूंदें (बहुत कम), कॉफी या कोको पाउडर के साथ चॉकलेट वेरिएंट। बाजार में मिलने वाली स्नैप‑वैनिला या मॉल्टेड टेक्सचर पाने के लिए कुछ लोग कॉर्न सिरप या ग्लूकोज जोड़ते हैं—घर पर पारंपरिक स्वाद के लिए इन्हें जरूरी नहीं समझना चाहिए।

धार्मिक व सांस्कृतिक टिप्पणी (संक्षेप में): दिवाली में मिठाइयों का आदान‑प्रदान संस्करणीय परंपरा है; कुछ परिवार देवी लक्ष्मी को साफ‑सुथरे भोग के रूप में पारंपरिक घी‑मूलक मिठाइयाँ चढ़ाते हैं, तो कुछ क्षेत्रीय मान्यताओं में अलग‑अलग प्रसाद दिए जाते हैं। यदि आप भोग के लिए बना रहे हैं, तो स्थानीय रीति के अनुसार सामग्री (जैसे नक्शा‑घी, बिना एल्कोहल फ्लेवर्स) चुनें।

अगर आप चाहें तो मैं एक सरल ‘फास्ट‑टैक’ मेथड भी दे सकता/सकती हूँ जो ओवन‑बेक्ड टेक्निक पर आधारित हो—वह घरेलू उपकरणों के हिसाब से और भी स्थिर रिज़ल्ट दे सकता है। शुभ दिवाली और मिठाई बनाते समय धैर्य और सफाई का विशेष ध्यान रखें।

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About G S Sachin

I am a passionate writer and researcher exploring the rich heritage of India’s festivals, temples, and spiritual traditions. Through my words, I strive to simplify complex rituals, uncover hidden meanings, and share timeless wisdom in a way that inspires curiosity and devotion. My writings blend storytelling with spirituality, helping readers connect with Hindu beliefs, yoga practices, and the cultural roots that continue to guide our lives today. When I’m not writing, I spend time visiting temples, reading scriptures, and engaging in conversations that deepen my understanding of India’s spiritual legacy. My goal is to make every article on Padmabuja.com a journey of discovery for the mind and soul.

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